दरभंगाबिहार

राष्ट्रीय लोक अदालत: 08 मार्च को बड़े फैसले संभव! बीमा क्लेम मामलों का त्वरित निपटारा, जानिए कैसे?

राष्ट्रीय लोक अदालत 08 मार्च 2024 को आयोजित होगी, जिसमें क्लेम मामलों के त्वरित निपटारे पर जोर दिया जाएगा। अधिवक्ताओं व बीमा कंपनियों की भूमिका अहम होगी।

राष्ट्रीय लोक अदालत में क्लेम केसों के शीघ्र निपटारे को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित

08 मार्च 2024 को आयोजित होगी राष्ट्रीय लोक अदालत, अधिक से अधिक मामलों के निपटारे पर जोर

Darbhanga : प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री विनोद कुमार तिवारी के निर्देशानुसार आगामी 08 मार्च 2024 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक क्लेम मामलों के निपटारे हेतु एक महत्वपूर्ण समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता विशेष उत्पाद न्यायाधीश द्वितीय श्री रविशंकर कुमार ने की। बैठक में क्लेम केस से जुड़े अधिवक्ताओं, दावाकर्ताओं और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।

क्लेम मामलों के शीघ्र निपटारे पर विशेष जोर

बैठक के दौरान जिला सह अपर सत्र न्यायाधीश श्री रविशंकर कुमार ने अधिवक्ताओं को निर्देशित किया कि वे निष्पादन योग्य दावा वादों को बीमा कंपनियों के साथ समन्वय स्थापित कर शीघ्र समाप्त करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि लंबित क्लेम मामलों का जल्द निपटारा आवश्यक है ताकि न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके और पक्षकारों को जल्द न्याय मिल सके।

प्रि-काउंसलिंग से विवाद निपटाने पर जोर

न्यायाधीश श्री कुमार ने पक्षकारों के बीच प्रि-काउंसलिंग (पूर्व परामर्श) की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अगर दोनों पक्षों के बीच समन्वय स्थापित कर विवाद को सुलझाने का प्रयास किया जाए, तो अधिकतर मामलों में आपसी सहमति से सुलह संभव है। इससे न्यायालय पर लंबित मामलों का बोझ कम होगा और पक्षकारों को शीघ्र राहत मिलेगी। उन्होंने उपस्थित अधिवक्ताओं से अनुरोध किया कि वे इस प्रक्रिया को प्रभावी रूप से लागू करने में सहयोग दें।

राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता पर विशेष ध्यान

विशेष उत्पाद न्यायाधीश द्वितीय श्री रविशंकर कुमार ने कहा कि आगामी 08 मार्च को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित पक्षों को अपने स्तर से पूर्ण प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि इस अदालत के माध्यम से बड़ी संख्या में मामलों का निपटारा किया जा सकता है, जिससे पक्षकारों को शीघ्र न्याय प्राप्त होगा और न्यायिक प्रक्रिया सरल होगी।

अधिवक्ताओं की भूमिका अहम

बैठक में क्लेम मामलों में दावाकर्ताओं और बीमा कंपनियों की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं की भूमिका को अहम बताया गया। न्यायाधीश श्री कुमार ने कहा कि अधिवक्ता न्याय प्रणाली के महत्वपूर्ण अंग हैं और उनकी सक्रिय भागीदारी से लोक अदालत की सफलता सुनिश्चित हो सकती है।

राष्ट्रीय लोक अदालत – एक कारगर उपाय

राष्ट्रीय लोक अदालत देशभर में तेजी से न्याय दिलाने का एक प्रभावी मंच बन चुका है। यह न केवल न्यायिक प्रक्रिया को सरल बनाता है बल्कि पक्षकारों को समय और धन की बचत करने का अवसर भी प्रदान करता है। इस अदालत में पारस्परिक सहमति से मामलों का निपटारा किया जाता है, जिससे न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या में कमी आती है।

क्लेम मामलों के निपटारे में तेजी लाने की जरूरत

विशेष रूप से बीमा क्लेम से जुड़े मामलों के शीघ्र समाधान पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। अधिवक्ताओं और बीमा कंपनियों को मिलकर इस दिशा में ठोस प्रयास करने होंगे, ताकि न्यायिक प्रक्रिया में देरी न हो। न्यायाधीश श्री कुमार ने कहा कि यदि क्लेम मामलों को समय पर निपटाया जाए, तो इससे पीड़ित पक्षों को जल्दी राहत मिलेगी और उन्हें अनावश्यक कानूनी जटिलताओं का सामना नहीं करना पड़ेगा

बैठक में कौन-कौन थे शामिल?

इस समीक्षात्मक बैठक में क्लेम मामलों से जुड़े वरिष्ठ अधिवक्ता, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारी, बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि और अन्य संबंधित पक्ष मौजूद थे। सभी ने राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए आवश्यक प्रयास करने पर सहमति जताई।

न्यायिक अधिकारियों की अपील

बैठक के अंत में विशेष उत्पाद न्यायाधीश द्वितीय श्री रविशंकर कुमार ने सभी अधिवक्ताओं और संबंधित पक्षों से अपील की कि वे राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने में अपना पूर्ण सहयोग दें। उन्होंने कहा कि इस पहल से न केवल न्यायालयों पर बोझ कम होगा, बल्कि न्याय प्रक्रिया को भी अधिक प्रभावी और तेज बनाया जा सकेगा

निष्कर्ष

राष्ट्रीय लोक अदालत एक महत्वपूर्ण पहल है जो लंबित मामलों के शीघ्र समाधान का माध्यम बन सकती है। आगामी 08 मार्च 2024 को होने वाली लोक अदालत में अधिक से अधिक क्लेम मामलों के निपटारे का लक्ष्य रखा गया है। न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी से यह अदालत सफल हो सकती है, जिससे पक्षकारों को शीघ्र न्याय मिल सकेगा।


 

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